Search here...
0
TOP
Uncategorized

हैमर कैंडलस्टिक पैटर्न: 5 मिनट में 70% ट्रेडिंग स्ट्रैटेजी

दोस्तों डाउनट्रेंड में प्रॉफिट कमाने का सबसे आसान तरीका है हैमर कैंडलस्टिक पैटर्न! 2023 के ट्रेडिंगव्यू डेटा के अनुसार,  हैमर कैंडलस्टिक पैटर्न की कन्फर्मेशन के साथ इसकी सटीकता 70%+ रही है।

दोस्तों अगर आप शेयर मार्केट, फॉरेक्स, या क्रिप्टो ट्रेडिंग करते हैं, तो आपने  “हैमर कैंडलस्टिक पैटर्न” के बारे में जरूर सुना होगा यह एक बहुत ही पावरफुल सिग्नल है, जो सही तरीके से इस्तेमाल करने पर 70% से अधिक सटीकता के साथ प्रॉफिट कमाने में मदद कर सकता है।

इस आर्टिकल में मैं आपको केवल 5 मिनट में इसे विस्तार में से समझने की कोशिश करूंगा और इससे संबंधित कुछ रिसर्च और उदाहरण भी आपके साथ साझा करूंगा।


हैमर कैंडलस्टिक पैटर्न क्या है?

हैमर कैंडलेस्टिक पेटर्न एक पुलिस रिवर्सल का संकेत देता है, जो आमतौर पर किसी डाउनट्रेंड के बाद बनता है। इस पैटर्न की खास बात यह है कि इसकी कैंडल की बॉडी छोटी होती है और लोअर शैडो लंबी होती है। जो इस बात का संकेत देता है सेलर्स ने प्राइस को नीचे ले जाने की कोशिश की थी लेकिन बायर्स ने दबाव बनाकर कीमत को ऊपर खींच लिया। 

हैमर कैंडलस्टिक की पहचान कैसे करें?

  1. छोटी बॉडी: इस कैंडलेस्टिक में कीमत खुलने और बंद होने के बीच बहुत कम अंतर होता है। यह इस बात को दर्शाता है कि बाजार ने अस्थिरता दिखाई लेकिन अंत में कीमतें लगभग समान स्तर पर बंद हुईं।
  1. लंबी लोअर शैडो: इस कैंडल की लोअर शैडो कम से कम रियल बॉडी के दुगने या उससेअधिक होनी चाहिए। यह इस बात का संकेत है कि बाजार ने निचले स्तरों को टेस्ट किया लेकिन बाद में वापस रिकवर कर लिया।
  1. ऊपरी शैडो बिल्कुल नहीं या बहुत छोटा: इस कैंडल की ऊपरी छाया या अपर शैडो ना के बराबर होती है, जो दर्शाता है कि बाजार में बायर्स का पक्ष मजबूत है। 

क्यों हैमर कैंडलस्टिक पैटर्न महत्वपूर्ण है?

दोस्तों इस पैटर्न का महत्व इसलिए है क्योंकि यह चार्ट के प्रमुख सपोर्ट लेवल्स पर दिखाई देता है। अगर आपने इसकी पहचान सही टाइम पर कर ली तो आप इसका फायदा अपने ट्रेड में ले सकते हैं।

रिसर्च और डेटा सपोर्ट 

दोस्तों एक स्टडीज के अनुसार, हैमर पैटर्न वॉल्यूम में वृद्धि के साथ बनता है तो 70% तक की एक्यूरेसी के साथ मार्केट में बुलिश रिवर्सल का संकेत देता है। 

उदाहरण के लिए, 2022 में NIFTY 50 के डेटा एनालिसिस में पाया गया कि जब हैमर पैटर्न सपोर्ट लेवल पर बना, तो अगले 5 ट्रेडिंग सेशंस में कीमत औसतन 3.5% की दर से बड़ी।


हैमर कैंडलस्टिक पैटर्न के प्रकार

बुलिश हैमर: यह कैंडल मार्केट में डाउनट्रेंड के अंत में बनती है और कीमतों के ऊपर जाने का संकेत देती है।

  • उदाहरण: यदि किसी स्टॉक की कीमत 200 रुपये से गिरकर 150 रुपये हो गई है और इस स्तर पर बुलिश हैमर बनता है, तो यह संकेत हो सकता है कि कीमत वापस ऊपर जा सकती है।

इनवर्टेड हैमर: जब यह कैंडल मार्केट में ऊपर की ओर बनती है, तो यह भी संभावित बुलिश रिवर्सल का संकेत देती है।

  • उदाहरण: यदि इनवर्टेड हैमर किसी सपोर्ट लेवल के करीब बनता है और अगली कैंडल में वॉल्यूम के साथ प्राइस बढ़ती है, तो यह एक अच्छा बुलिश संकेत माना जाता है। 

 हैमर कैंडलस्टिक पैटर्न का उपयोग कैसे करें?

1: सही मार्केट कंडीशन का चयन करें

यदि मार्केट डाउन ट्रेंड में हो और प्राइस एक प्रमुख सपोर्ट लेवल के पास में हो तब हैमर कैंडलेस्टिक को बुलिश रिवर्सल का एक स्ट्रांग संकेत माना जा सकता है।

2: वॉल्यूम का विश्लेषण करें

अगर पैटर्न बनने के दौरान वॉल्यूम अधिक हो जाए, तो यह  संकेत और भी मजबूत हो जाता है। वॉल्यूम अधिक होने का अर्थ होता है कि बाजार में अधिक बायर्स सक्रिय हो गए हैं। 

3: अन्य संकेतकों का उपयोग करें 

RSI (Relative Strength Index) और MACD जैसे संकेतकों के साथ भी इस पैटर्न की कंफर्मेशन करें।

जैसे उदाहरण के लिए, यदि RSI ओवरसोल्ड जोन में है और हैमर पैटर्न बनता है, तो यह एक मजबूत बाइंग सिग्नल हो सकता है।

हैमर कैंडलस्टिक पैटर्न मैं एंट्री, स्टॉप-लॉस और टारगेट कैसे तय करें?

1. एंट्री पॉइंट कैसे तय करें?

दोस्तों हैमर पैटर्न मैं ट्रेड एंट्री लेने का सबसे आसान और सुरक्षित तरीका है कि आप कन्फर्मेशन का इंतज़ार करें।

स्टेप्स:

आप पहले चार्ट पर हैमर पैटर्न की पहचान करें:

छोटा बॉडी + लंबी लोअर शैडो + नहीं के बराबर अपर शैडो।

यह सभी डाउनट्रेंड के अंत में बनना चाहिए।

कन्फर्मेशन का इंतज़ार करें:

हमर कैंडल के बाद अगली कैंडल का क्लोजिंग प्राइस हैमर के हाई से ऊपर होना चाहिए।

एंट्री लें:

अगर हैमर के हाई के ऊपर ब्रेकआउट हो जाता है तो आप सभी इंडिकेटर को ध्यान में रखते हुए बाय कर सकते हैं।

उदाहरण:

हैमर का हाई: ₹150

एंट्री: ₹151 हैमर के हाई को ब्रेक होने पर

2. स्टॉप-लॉस कहाँ लगाएं?

स्टॉप-लॉस लगाना रिस्क मैनेजमेंट का सबसे महत्वपूर्ण हिस्सा है। हैमर पैटर्न के साथ स्टॉप-लॉस सेट करने का सबसे अच्छा तरीका हैमर के लो से थोड़ा नीचे रखना है।

स्टेप्स:

दोस्तों स्टॉप लॉस तय करने के लिए सबसे पहले आप हैमर कैंडल का लो चेक करें।

उदाहरण: हैमर का लो ₹140 पर हैं।

तो स्टॉप-लॉस:

हैमर के लो से 2-3% नीचे।

उदाहरण: ₹140 के लो पर स्टॉप-लॉस ₹137 पर होगा  (लगभग 2% नीचे)।

नोट: अगर प्राइस हैमर के लो को तोड़ देता है, तो यह संकेत है कि बुलिश रिवर्सल फेल हो गया है

3. टार्गेट कैसे तय करें?

दोस्तों टार्गेट तय करने के लिए हम रिस्क-टू-रिवार्ड रेश्यो का इस्तेमाल करें। हैमर कैंडलेस्टिक पैटर्न के साथ 1:2 या 1:3 का रेश्यो सबसे अच्छा माना जाता है।

स्टेप्स:

रिस्क कैलकुलेट करें:

एंट्री: ₹151

स्टॉप-लॉस: ₹137

रिस्क = ₹151 – ₹137 = ₹14 (प्रति शेयर)।

टार्गेट सेट करें:

1:2 रिस्क-टू-रिवार्ड: ₹14 x 2 = ₹28

टार्गेट = ₹151 + ₹28 = ₹179

उदाहरण:

एंट्री: ₹151

स्टॉप-लॉस: ₹137

टार्गेट: ₹179

दोस्तों अगर आप कभी भी ट्रेड करते हैं तो हमेशा स्टॉप लॉस लगाना न भूलें। यह आपके नुकसान को मिनिमाइज करने में मदद करता है।


वॉल्यूम एनालिसिस के साथ हैमर कैंडलस्टिक पैटर्न

वॉल्यूम कन्फर्मेशन

जब हैमर पैटर्न बनता है और इसके साथ वॉल्यूम में वृद्धि होती है, तो यह एक मजबूत रिवर्सल संकेत देता है।

वॉल्यूम डायवर्जेंस

यदि कीमत गिर रही है लेकिन वॉल्यूम स्थिर या बढ़ रहा है, तो यह संकेत हो सकता है कि बाजार जल्दी ही पलट सकता है।

वॉल्यूम ब्रेकआउट

जब वॉल्यूम किसी हैमर पैटर्न के उच्च स्तर से ऊपर जाता है, तो यह एक मजबूत बुलिश ब्रेकआउट का संकेत देता है।


हैमर कैंडलस्टिक पैटर्न की सीमाएँ

  • फॉल्स सिग्नल: दोस्तों हर बार यह पैटर्न सही नहीं होता। कई बार बाजार में अचानक बदलाव के कारण यह सफल भी हो सकता है।
  • अन्य संकेतकों की आवश्यकता: दोस्तों केवल इस पैटर्न पर निर्भर न रहें। इसे अन्य मार्केट फैक्टर के साथ मिलाकर उपयोग करें।
  • वॉल्यूम की कमी: यदि पैटर्न बनने के दौरान वॉल्यूम कम है, तो यह एक कमजोर संकेत माना जाता है।

निष्कर्ष

हैमर कैंडलस्टिक पैटर्न एक पावरफुल कैंडलस्टिक पैटर्न है, जो सही तरीके से उपयोग करने पर 70% या इससे अधिक एक्यूरेसी के साथ काम करता है। वॉल्यूम एनालिसिस और अन्य इंडिकेटर सिग्नल के साथ इस पैटर्न का उपयोग करके आप अपने ट्रेडिंग को प्रॉफिटेबल बना सकते हैं।

ट्रेडिंग टिप्स

  • हमेशा वॉल्यूम का विश्लेषण करें।
  • अन्य इंडिकेटर का उपयोग करें।
  • स्टॉप लॉस लगाना न भूलें।
Trading Tapri

«

»

Leave a Comment

Your email address will not be published. Required fields are marked *

Follow @TradingTapri